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4 मिनट पहले
90 के दशक में एक से बढ़कर एक हिट गाने गा चुके कुमार सानू आज भी अपनी सुरीली आवाज के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में कुमार सानू ने अपने अपकमिंग प्रोजेक्ट्स और सिंगिंग करियर पर दैनिक भास्कर से कुछ बातें शेयर कीं।
1) ओह जाना गाने के बारे में बताए?
‘इस गाने को अली खान रोमानी ने बनाया है जो म्यूजिक कंपोजर और लिरिक्स राइटर हैं। उन्होंने किसी दूसरे के जरिये मुझसे संपर्क किया और कहा कि मैं न्यू कमर हूं क्या आप मेरा ये गाना गाएंगे? आपके लायक गाना है जिसपर मैंने उन्हें वो गाना भेजने को कहा और इसके साथ यह भी बोला कि अगर मुझे यह गाना पसंद आया तो मैं जरूर गाऊंगा। इस तरह से इसकी शुरुआत हुई। ‘
2) न्यूकमर होने के नाते आपने हेल्प की अपने पुराने दिनों को याद करते हुए?
‘मैंने कई न्यूकमर्स का साथ दिया है। इस वक्त इंडस्ट्री में कई ऐसे म्यूजिक कंपोजर हैं जिनके लिए मैंने गाया है। जिस तरह बतौर सिंगर मुझे मौका मिला था अगर उसी तरह मैं किसी की मदद कर पाऊं तो में सबसे खुशनसीब इंसान रहूंगा।’
3) ‘तुझको मिर्ची लगी तो में क्या करूं…’ गाने के रीमिक्स के दौरान कौन-सी पुरानी यादें ताज़ा हुईं?
‘तुझको मिर्ची लगी तो में क्या करूं…’ गाना उस समय का सबसे हिट गाना था लेकिन जब इस बार में इस गाने की रिकॉर्डिंग के लिए स्टूडियो पहुंचा तो टेक्निक के लिए बहुत ही आसान था। क्योंकि अगर कोई लाइन गलत हो जाती है तो हम उसको दूसरी या तीसरी बार गा सकते हैं लेकिन उस समय जब हम गाना गाया करते थे एक बार में पूरे गाने को ओके किया करते थे या फिर अगर कोई गलती होती थी तो उस पूरे गाने को दूसरी बार फिर से गाना पड़ता था क्योंकि गाने की रिकॉर्डिंग लाइव म्यूजिशियंस के साथ होती थी। इस बार यह लगा कि यह कितना आसान है उस वक्त बहुत प्रेशर हुआ करता था कि एक मिस्टेक ओर 100 म्यूजिशियन आपकी ओर देखेंगे।
4) आपको पद्मश्री से नवाजा गया है। इसके अलावा कई और अवॉर्ड्स भी मिले हैं लेकिन अब तक नेशनल अवॉर्ड नहीं मिला। क्या उसे लेकर कहीं दिल मे कसक रहती है?
‘हां, कहीं न कहीं बुरा तो लगता ही है अब इतना बुरा नहीं लगता लेकिन उस वक्त बुरा लगता थी क्योंकि जिन-जिन गानों पर मिलना चाहिए था जब उन गानों पर नहीं मिला तो अब क्या मिलेगा। विदेशों में मेरे काम को पसंद किया गया है और अवॉर्ड भी दिए गए लेकिन हमारे देश को मेरे में कोई खूबी नजर नही आती हैं। हमारे देश में क्वालिटी और कैपेबिलिटी पर ध्यान नहीं दिया जाता है।’
5) सिंगिंग करियर को छोड़कर पॉलिटिक्स जॉइन की लेकिन फिर उसे भी छोड़ दिया, आखिर क्यों?
‘पॉलिटिक्स में जाना मेरी मजबूरी थी क्योंकि मेरे तीन स्कूल चलते हैं अनाथ बच्चों के, तो जो मेरी कमाई होती है उसमें से कुछ हिस्सा में इनकी पढ़ाई के लिए देता हूं तो मुझे ऐसा लगा कि अगर में पॉलिटिक्स में जाऊंगा और मुझे एमपी बनाया जाता है तो जो मेरे कोटे में रुपये आएंगे, उनसे में उन बच्चों की मदद ज्यादा बेहतर तरीके से कर पाऊंगा क्योंकि मुझे पैसे की जरूरत नहीं है।भगवान ने गले मे सुरीली आवाज दी है, मैं उससे खुश हूं। लेकिन जब मैं वहां गया तो तो पता चला कि ये तो खेल है और वो मुझसे नहीं हो पाता तो मैंने इसलिए छोड़ दिया।’
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